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अंगिका भाषा केरौ प्रखर विद्वान डॉ. तेज नारायण कुशवाहा केरौ निधन, अंगदेश गहन शोक मँ

अंगिका हिन्दी, भोजपुरी, संस्कृत के विद्वान डॉ. तेजनारायण कुशवाहा केरौ निधन

पीरपैंती । अंगिका साहित्य केरौ प्रखर विद्वान डॉ. तेज नारायण कुशवाहा केरौ निधन बितलो एतबार (१८ अगस्त) क होय गेलै । हुनको निधन सँ अंगदेश गहन शोक मँ डूबी गेलो छै। प्रखण्ड केरौ ईशीपुर बाराहाट स्थित गांधीनगर के विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के संस्थापक डॉ. तेजनारायण कुशवाहा केरौ 91 वर्ष मँ देर रात हुनको गांधीनगर स्थित आवास प लंबा बीमारी के कारण होय गेलै। हुनका अंगिका सँ अगाध प्रेम छेलै । हुनी अंगिका के अलावे हिन्दी, भोजपुरी, संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान छेलै आरू कईएक पुस्तको के लेखक छेलै। 

हुनी अपनौ पीछू तीन पुत्र डॉ. दीपांकर, डॉ. नीलामबर, रत्ताम्बर आरू एगो पुत्री डॉ. उमा प्रियंबदा सहित भरलो पुरलो परिवार छोड़ी गेलो छै । पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ के कुलपति डॉ. इंदुभूषण मिश्र देवेंद्रु नँ कहलकै कि हुनी पाँच दशक सँ अधिक केरौ हिन्दी साहित्यिक संस्था विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के माध्यम सँ साहित्यकार, विद्वान गजलकार, पत्रकार आरनि क जोड़ै के काम करलै छै आरू हुनका सब क संस्था के गौरव सम्मान उपाधि प्रदान करले छै। हुनको निधन सँ साहित्य जगत क अपूरणीय क्षति होलो छै । वहीं आचार्य माई जी महाराज, विधायक ई. ललन कुमार, पूर्व विधायक अमन कुमार, रामबिलास पासवान, सांसद प्रतिनिधि सचिन पाण्डेय, पूर्व सांसद प्रत्याशी हरेराम निराला, डॉ. संभाजी राजाराम बाविसकर, कुलाधिपति राघवेंद्र नारायण आर्य, डॉ. रामजन्म मिश्र, सेवानिवृत्त प्राचार्य नकुल झा, ब्रजकिशोर प्रसाद ने शोकाकुल परिवार क सांत्वना देलकै।


सोमवार क नारायणपुर मँ आयोजित शोकसभा मँ साहित्य आंगन के संस्थापक आरू अंगिका के युवा कवि कुमार गौरव नँ कहलकै कि डा. कुशवाहा के जाना अंगिका साहित्य लेली एगो अपूरणीय क्षति छेकै। हुनी “सवर्णा” आरू “अंगिका साहित्य केरो इतिहास” जैसनौ समृद्ध रचना देलकै, जेकरा लेली अंगिका भाषा-भाषी समाज आरू छात्र-छात्रा सब हमेशा ऋणी रहतै।शोकसभा मँ अंगिका विभाग के छात्र पंकज कुमार नँ कहलकै कि डा. कुशवाहा 90 वर्ष केरौ आयु मँ भी हमेशा अंगिका के विकास लेला चिंतित रहै छेलै आरू ओकरा लेली निरंतर प्रयास करतें रहलै। मौका पर अभिषेक कुमार, गौतम कुमार, आशीष कुमार, शुभम कुमार, मनीष कुमार, हर्ष, मनखुश यादव, सुमन आरू अंकित कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित रहै।

सुलतानगंज केरौ दरबारी सिंह मध्य विद्यालय केरौ प्रांगण मँ एगो श्रद्धांजलि सभा केरौ आयोजन करलौ गेलै। ई सभा अखिल भारतीय साहित्य कला मंच, अजगैबीनाथ साहित्य मंच, आरू साहित्य परिषद, सुलतानगंज केरौ संयुक्त तत्वावधान मँ राखलौ गेलौ छेलै। जेकरा मँ प्रसिद्ध साहित्यकार आरू विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ केरौ पूर्व कुलपति, डॉ. तेज नारायण कुशवाहा केरौ निधन प॑ शोक व्यक्त करलौ गेलै। ई श्रद्धांजलि सभा केरौ अध्यक्षता विधायक डॉ. (प्रो.) ललित नारायण मंडल करलकै, जबकि कार्यक्रम केरौ संचालन सुधीर कुमार प्रोग्रामर करलकै। सभा मँ सुलतानगंज विधानसभा क्षेत्र केरौ विधायक डॉ. (प्रो.) ललित नारायण मंडल, अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच केरौ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. ब्रह्मदेव नारायण सत्यम, प्रदेश महासचिव सुधीर कुमार प्रोग्रामर, अजगैवीनाथ साहित्य मंच केरौ अध्यक्ष भवानंद सिंह प्रशांत, संयोजक मनीष कुमार गूंज, वरिष्ठ कवि रामस्वरूप मस्ताना, रौशन भारती, कवियित्री उषाकिरण साहा, आरू साहित्य परिषद केरौ महासचिव डॉ. राजेंद्र प्रसाद मोदी सहित बहुत्ते प्रमुख साहित्यकार आरू विद्वान मौजूद छेलै। सभा केरौ अंत मँ, सब जन दिवंगत आत्मा केरौ शांति लेली दू मिनट केरौ मौन रखलकै आरू भगवान सँ प्रार्थना करलकै। ई मौका प॑ विद्यालय केरौ प्रधानाध्यापक कुमार दीपक, शारीरिक शिक्षक अशोक कुमार यादव, शिक्षक बिंदु भूषण रजक, अशोक दास, उषा कुमारी, आरू खुशबू कुमारी सहित दोसरौ शिक्षण कर्मी सिनी भी मौजूद छेलै।


हुन्नें भागलपुर मँ अखिल भारतीय अंगिका साहित्य विकास समिति केरौ अगुवाई (तत्वावधान) मँ गुरुवार के दिन कोर्ट परिसर मँ हिंदी-अंगिका आरू भोजपुरी साहित्य केरौ विद्वान डॉ. तेज नारायण कुशवाहा केरौ निधन प॑ शोकसभा भेलै। सब जनें हुनका भावभीनी श्रद्धांजलि देलकै। ई कार्यक्रम केरौ अध्यक्षता समिति केरौ कार्यकारी सदस्य डॉ. विलक्षण विभूति करलकै। समिति केरौ राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोकीनाथ दिवाकर दिवंगत डॉ. कुशवाहा क॑ हिंदी, अंगिका आरू भोजपुरी केरौ शीर्ष केरौ साहित्यकार बतैलकै। ओ बोललकै कि ओ सर्वणा, मादरी जैसनऽ बहुत्ते किताब केरौ रचना करलकै। ओकरौ निधन सँ पूरा प्रदेश क॑ अपूरणीय क्षति भेलऽ छै। ई मौका प॑ प्रीतम विश्वकर्मा 'कविआठ' आरू धीरेंद्र पंडित 'कविराज' समेत आरू लोगौ सिनी नँ भी अपनौ विचार रखलकै। श्रद्धांजलि सभा मँ अंग उत्थान आन्दोलन समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष गौतम सुमन गर्जना, सुनील कुमार, सैयद सलीम अहमद, विकास कुमार आरू अन्य जन सिनी भी मौजूद छेलै।

अंगिका.कॉम परिवार तरफो सँ हुनका श्रद्धांजलि अरपित करतें कुंदन अमिताभ नँ कहलकै कि हुनी अंगिका केरौ महान साहित्यकार छेलै, भोजपुरी मातृभाषा होला के बावजूद हुनी अंगिका लेली जीवनपर्यन्त काम करतें रहलै ।


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