अंगिका के लोक कवि हीरा प्रसाद हरेंद्र केरो निधन, अंग प्रदेश मँ शोक के लहर
सुलतानगंज। अंगिका भासा के प्रसिद्ध कवि हीरा प्रसाद हरेंद्र (74) केरो गुरुवार (१६ मई) दुपहरी सुलतानगंज मँ निधन होय गेलै । हुनी कुछू दिन सं बेमार छेलै ।
हुनी अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच केरौ राष्ट्रीय महामंत्री आरू अंगिका केरौ सिरमौर कवि छेलै । अंगिका साहित्य मँ हुनको अमूल्य जोगदान छै । अंगिका भासा लेली समर्पित हीरा बाबू के जनम 6 सितंबर 1950 क॑ सुलतानगंज के कटहरा गाम मँ होलो छेलै । हुनी सेवा निवृत परधानाचार्य छेलै ।
अपनौ लेखनी सं अंगिका मँ कैयौं खंड काव्य, महाकाव्य आरू परबंध काव्य के रचना करलकै । हुनको काव्य खंड पोथी 'उत्तंग हमरो अंग' आरू अंगिका महाकाव्य 'तिलकामांझी', टीएमबीयू मँ एमए के पाठ्यक्रम मँ छात्र सब पढ़ी रहलऽ छै । हुनी अंगिका मँ गजल संग्रह, हिंदी संस्मरण, हिंदी काव्य संकलन, हिंदी एकांकी, लोक गाथा पर उपन्यास कुंडलियां आरू दोहा लिखलकै । कैयौं मान-सम्मान आरू पुरस्कार मिललै । हुनका आठ अप्रैल क॑ अजगैवीनाथ साहित्य मंच सुलतानगंज तरफो सं उमानाथ पाठक साहित्य स्मृति सम्मान सं सम्मानित करलऽ गेलऽ छेलै ।
हुनको निधन पर सहर के शिक्षाविद आरू साहित्यकारो मँ सोक के लहर छै । साहित्यकार एसके प्रोग्रामर नँ बतेलकै कि सुकरबार क॑ सुलतानगंज मुक्तिधाम मँ अंतिम संस्कार बिहाने होतै । सोक जताबै वला मँ ब्रह्म देव नारायण सत्यम, सुधीर कुमार प्रोग्रामर, अंजनी शर्मा, श्यामसुंदर आर्य, भवानंद सिंह, दिलीप कुमार सिंह दीपक, प्रदीप पाल, ब्रह्म देव बंधू, शत्रुघ्न आर्य, मनीष कुमार गूंज, रामस्वरूप मस्ताना, प्राण मोहन प्रीतम, उषा किरण साहा, रौशन भारती, शंकर कुमार राम, अमरेंद्र कुमार, कुणाल कुनीज कनौजिया, साथी सुरेश सूर्य, राजेंद्र प्रसाद मोदी, साथी इंद्र देव, शंभु मंड़ल सामिल छै ।
अंगिका.कॉम परिवार तरफो सँ हुनको निधन पर गहरौ शोक जतैेलो गेलौ छै । कुंदन अमिताभ नँ हुनका अंगिका भाषा केरो एगो महान सेवक बतैतें कहलके कि हुनका गेला सँ अंगिका साहित्य क जे नुकसान होलो छै ओकरो भरपाई करना मोसकिल छै ।
https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/bhagalpur/angika-poet-hira-prasad-harendra-passes-away
https://www.livehindustan.com/bihar/bhagalpur/story-angika-poet-hira-prasad-harendra-is-no-more-10010317.html


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