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Angika News | हिन्दी केरो उपभाषा होय के चलतें अंगिका मातृभाषा सूची मँ नै ! बिहार, झारखंड के मुख्यमंत्री के अनुशंसा प ही मिलतै अंगिका क मातृभाषा कोड : रजिस्ट्रार जनरल सह जनगणना आयुक्त | Angika.com


नई दिल्ली, 4 मार्च 2022 । (नई दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत की रपट)

भारत के महा पंजीयक और जनगणना आयुक्त ने कहा,कोड की मांग व्यर्थ, बिहार व झारखंड की सरकारें लिखें केंद्र को ।

 

अंगिका को देश भर की मातृभाषाओं की सूची में लाने के लिए किसी कोड की मांग जरूरी नहीं है बल्कि राज्य सरकारें( बिहार और झारखंड)  केंद्रीय गृह मंत्रालय को अंगिका और बज्जिका की वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं तभी इन भाषाओं को मातृभाषाओं की सूची में शामिल कराने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।


यह बात भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने अंग मदद फाउंडेशन और अंगिका के वरिष्ठ साहित्यकार कुंदन अमिताभ के निवेदन पत्र पर आधारित ज्ञापन लेने के बाद कहीं ।

 

भारत के रजिस्ट्ररार जेनरल सह जनगणना आयुक्त विवेक जोशी क अंगिका लेली मातृभाषा कोड संबंधी ज्ञापन सौंपतें वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत

कुंदन अमिताभ की ओर से अंगिका और बज्जिका के मुद्दे पर यह ज्ञापन विवेक जोशी को वरिष्ठ पत्रकार और समाज कर्मी प्रसून लतांत ने सौंपा । उनके साथ अंग मदद फाउंडेशन के कार्यक्रम अधिकारी अस्तित्व झा भी मौजूद थे।  

 

प्रसून लतांत ने बताया कि अंगिका भाषा के लिए किसी कोड की मांग करना व्यर्थ है क्योंकि जब तक उनके कार्यालय को अंगिका और बज्जिका भाषा संबंधी वास्तविक स्थिति के बारे में राज्य सरकारों की ओर से गृह मंत्रालय के जरिए कोई प्रतिवेदन नहीं मिलता तब तक मातृ भाषाओं की सूची में शामिल करना संभव नहीं है। अगर अंगिका भाषा मातृभाषा ओं की सूची में शामिल होगी तो कोड अपने आप मिल जाता है। कोड और कुछ नहीं है वह क्रमांक संख्या भर है ।  

 

जोशी ने स्वीकार किया कि अंगिका को कोड देने की मांग संबंधी पत्र ज्ञापन और अन्य सामग्री उनके कार्यालय में आ रहे हैं लेकिन कोड की मांग करना मेरी समझ से परे है। प्रसून लतांत ने कहा कि इन दोनों भाषाओं की ओर से उन से अब तक कोई भी मिलने नहीं आए और ना ही किसी ने उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत कराने की कोशिश की 

 

विवेक जोशी जी को बहुत हैरानी हुई जब उन्हें बताया गया कि अंगिका करोड़ों लोग बोलते हैं। झारखंड राज्य में दूसरी राज्य भाषा का दर्जा प्राप्त है। बिहार अंगिका अकादमी है। यूनिवर्सिटी में पढ़ाई हो रही है आकाशवाणी और दूरदर्शन पर बरसों से कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। जोशी को इस बात पर भी हैरानी हुई कि अंगिका बज्जिका का इतना विकास हुआ है तो अब तक मातृभाषा की सूची में दर्ज क्यों नहीं किया गया है? 

 

फिर उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों को तलब किया। इन अधिकारियों ने जानकारी दी कि गृह मंत्रालय अंगिका को हिंदी की उपभाषा मानता आया है। यह बात भी साफ हुई कि अंगिका मैथिली की उपभाषा नहीं है।



अंगिका को मातृभाषा की सूची में डालने के लिए राज्य सरकारों को गृह मंत्रालय को पत्र लिखना होगा।  

प्रसून लतांत ने कहा कि विवेक जोशी से बातचीत के बाद यही बात सामने आई है कि अंगिका और बज्जिका को देश भर की मातृ भाषाओं की सूची में तभी शामिल किया जा सकेगा जब राज्य सरकारें इन भाषाओं की वास्तविक स्थिति से राज्य सरकारें गृह मंत्रालय को अवगत कराएं इसलिए ऐसी स्थिति में जनगणना आयुक्त से अंगिका को कोड देने की मांग करने के बजाए राज्य सरकारों के सामने सत्याग्रह करना होगा।


हिन्दी की उपभाषा होने के चलते अंगिका मातृभाषा सूची से बाहर ! बिहार, झारखंड के मुख्यमंत्रियें की अनुशंसा पर ही मिलेगा अंगिका को मातृभाषा कोड   : रजिस्ट्रार जनरल सह  जनगणना आयुक्त 

Being a Sub language of Hindi, Angika is out of mother tongue list ! Angika will get mother tongue code only on  recommendation of Chief Ministers of Bihar, Jharkhand: Registrar General cum Census Commissioner

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