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वैक्सीन तोरे सहारा ! | Angika Samvad | अंगिका संवाद - अबरी दाफी | Kundan Amitabh

तमाम चेष्टा के बावजूद देश मँ कोरोना के कहर केरौ दायरा फुंकना मँ हवा जैसनौ फैललौ ही जाय रहलौ छै। केखरौ पता नै कि फुंकना कखनी फूटी जाय । रोज सामने आबै वाला नया केसो के गिनती के मामला मँ भारत दुनिया केरौ शीर्ष प पहुंची चुकलो छै। तमाम तरह के परेशानी के बीच हालात सुधारै के औपचारिक खानापूर्ती युद्ध स्तर प जारी छै। स्वास्थ्यकर्मी त ई मोर्चे प डटले छै । देश अबै अपनौ वैक्सीन बनाबै के कोशिशो के अलावा दुनिया भर मँ कोरोना वैक्सीन क ल क चली रहलौ प्रयासौ प भी नजर रखी रहलो छै। कुल मिलाय-जुलाय क वैक्सीन ही एकमात्र उपाय नजर आबी रहलौ छै जेकरो सहारा प सबके आश टिकलौ छै ।


हुन्ने जहाँ रूस नँ दुनिया के पहलौ कोरोना वैक्सीन (coronavirus vaccine) बनाय लै के ऐलान करलै छै । खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) नँ एकरो ऐलान करलै छै । राष्ट्रपति केरौ एगो बेटी क भी ई टीका लगैलौ गेलौ छेलै आरू वू भल्लौ महसूस करी रहलौ छै । रूस नँ ई वैक्सीन के नाँव स्पुतनिक-5 (Sputnik V) रखनै छै जे कि ओकरो एगो उपग्रह के भी नाँव छेकै । दावा करलो गेलो छै कि ई टीका सँ Covid-19 के खिलाफ स्थाय़ी इम्यूनिटी विकसित करलौ जाबै सकै छै । हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत बहुत्ते देश नँ ई वैक्सीन क ल करी क संदेह जतैलै छै कि पता नै ई प्रभावी होतै कि नै । कैन्हेंकि रूस नँ त वैक्सीन सें संबधित कोय भी डाटा शेयर नै करलै छै।


वहीं दोसरो दन्नें ब्रिटेन केरौ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन क ल क भी एगो भल्लौ खबर सामने आबी रहलौ छै। फिलहाल ई वैक्सीन के मानव परीक्षण चली रहलौ छै आऱू एकरा पर काम करी रहलौ एस्ट्राजेनेका कंपनी के कहना छै कि एकरो मानव परीक्षण यहै साल नवंबर तलक पूरा होय जैतै। ओकरो बाद अगला साल यानी 2021 के शुरुआत मँ वैक्सीन के उत्पादन शुरू हुअय सकै छै ।


वैक्सीन तोरे सहारा | Angika Samvad | अंगिका संवाद - अबरी दाफी | Kundan Amitabh

यहै क्रम मँ सरकार नँ विशेषज्ञो के एगो कमेटी बनैलै छै जेकरो अगुआई नीति आयोग के डॉ. वीके पॉल करतै। ई समिति वैक्सीन मिलै के स्थिति मँ ओकरो पहचान, खरीद, वितरण, फाइनैंस आरनि तमाम पहलुओ के ख्याल रखतें हुअय जल्दी सँ जल्दी ओकरो व्यापक भारतीय आबादी तलक पहुंचना सुनिश्चित करतै। ई बीच पूना केरौ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) नँ गावी द वैक्सीन अलायंस आरू बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ मिली क  कोरोना वैक्सीन केरौ 10 करोड़ डोज तैयार करै के समझौता करलै छै। एसआईआई दुनिया केरौ सबसँ बड़ौ वैक्सीन उत्पादक छेकै आरू ई समझौता के तहत ओकरा 15 करोड़ डॉलर देलो जाय रहलौ छै । ताकि 2021 केरौ जुलाय तक वू करीब 225 रुपया प्रति डोज के कीमत पर वैक्सीन के 10 करोड़ डोज उपलब्ध करवाय दिअय। खास बात ई छै कि ई समझौता मँ एकरो कोय जिक्र नै छै कि जोन वैक्सीन के उत्पादन होना छै, वू कोन वैक्सीन छेकै। ई सब ई बात पर निर्भर करतै कि जे ट्रायल चली रहलौ छै, ओकरा मँ कौन वैक्सीन आगे निकलै छै।


बहरहाल, चाहे सरकारी स्तर पर हुअय या गैरसरकारी, वैक्सीन केरौ उत्पादन आरू वितरण सँ जुड़लौ तैयारी के अहमियत सँ इनकार नै करलौ जाबै सकै छै। लेकिन वैक्सीन विकसित करै के काम प ऊपर सँ नजर रखी रहलौ शीर्ष विशेषज्ञो सिनी के हिसाब सँ त स्थिति खास उत्साहवर्धक नै छै। वाइट हाउस के कोरोना वायरस अडवाइजर डॉ. एंटनी फॉसी के कहना छै कि मौजूदा हालात मँ 98 प्रतिशत या एकरा सँ जादा सुरक्षा के गारंटी दै वाला वैक्सीन के उम्मीद नै करलौ जाबै सकै छै।


वैक्सीन तैयार करै मँ भिड़लौ वैज्ञानिक सिनी चाहै छै कि 75 प्रतिशत तलक सुरक्षा दै वाला टीका बनी जाय। हालांकि अमेरिका के वाइट हाउस ई लेली भी तैयार बैठलौ छै कि जों 50 प्रतिशत सुरक्षा के गारंटी दै वाला टीका भी मिली जाय छै त ओकरा भी मंजूरी द देलौ जैतै। दोसरो जे बड़ौ सवाल अखनी तलक अनुत्तरित ही छै, कि ऐसनौ टीका बनी भी गेलै त ओकरो असर केतना समय तलक रहतै। विशेषज्ञ के अनुसार एकरो जवाब टीका बनला के कुछ समय बाद ही मिलै सकै छै ।  जबै हर महीना के जाँच सँ ई पता करलौ जैतै कि शरीर मँ एकरा सँ बनै वाला एंटीबॉडीज कबै तलक असरदार रहै छै । 


एक चीज त साफ छै, वैक्सीन हासिल करना आरू लोगौ तलक पहुंचाबै के तैयारी मँ भिड़लौ रहना त जरूरी ही छै । कैन्हेंकि वैक्सीन ही अंतिम सहारा छेकै, कोरोना निदान के । मतरकि निकट भविष्य मँ वैक्सीन सँ बहुत जादे उमीद पालना भी ठीक नै छै।  कोरोना जैसनौ दुश्मन सँ अपनौ बचाव त अखनी लंबा समय तलक मास्क आरू सोशल डिस्टेंसिंग जैसनौ हथियार के सहारे ही करना छै।

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