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साफ मंदिर सुथरा प्रसाद | Angika Samvad - Abree Dafi | by Kundan Amitabh

साफ मंदिर सुथरा प्रसाद

                                                 अंगिका संवाद : अबरी दाफी | कुंदन अमिताभ

मंदिर म॑ पूजा करै ल॑ त॑ सब जाय छै । लेकिन मंदिर क॑ साफ-सुथरा केना रखलऽ जाय एकरऽ परवाय करै वाला बड़ी कम लोग रहै छै । मंदिर जाय क॑ भगवान के दरसन करी लेना , मनोकामना पूरा होय के वरदान माँगी लेना आरू दान पेटी म॑ तनी मनी दान करी क॑ जादेतर सोचै छै कि मंदिर जाय के ओकरऽ उद्देश्य पूरा होय गेलै ।
 मंदिर भ्रमण के दौरान गौर करला प॑ पता चलै छै कि पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा केरऽ केंद्र होला के साथ-साथ ई सेवा केरऽ भी एगो बहुत केंद्र होय छै । सेवा केरऽ एक स॑ जादे अवसर मंदिर प्रांगण म॑ मिलै छै । कहलऽ जाय छै कि  पूजा -पाठ स॑ जादा आत्मशांति आरू आध्यात्मिक विकास सेवा म॑ ही मिलै छै । मंदिर केरऽ साफ-सफाई, भीड़ नियंत्रण, भजन-कीर्तन -आरती गायन प्रबंधन, प्रसाद-फूल  चढ़ावा प्रबंधन स॑ ल॑ क॑ प्रसाद वितरण तक हर छोटऽ-बड़ऽ काम लेली स्वंयसेवी मानसिकता वाला लोगऽ के सहयोग के जरूरत होय छै । प्रायः श्रद्धा भाव के चलत॑ सेवक लोगऽ के काफिला बनत॑ चल्लऽ जाय छै । आरू हर चीजऽ के प्रबंधन स्वतः होत॑ चल्लऽ जाय छै ।



कुछ एक बड़ऽ मंदिर क॑ छोड़ी देलऽ जाय त॑  भारत म॑ मंदिर प्रबंधन लेली अखनी ताँय पेशेवर तरीका नै अपनैलऽ गेलऽ छै । जैन धर्म या सिक्ख धर्म केरऽ मंदिर प्रबंधन म॑ त॑ फिर भी कुछ हद तलक पेशेवर तरीका अपनैलऽ जाय छै । लेकिन हिंदू धर्म  केरऽ मंदिर म॑ त॑ प्रबंधन केरऽ ई तरह के तरीका के घोर अभाव छै ।
ई दिशा म॑ अब॑ थोड़ा जागरूकता ऐलऽ छै । खास करी क॑ मंदिर म॑ बनै व वितरित होय वाला प्रसाद केरऽ गुणवत्ता आरू ओकरऽ उचित रख-रखाव क॑ ल॑ हिन्न॑ महाराष्ट्र केरऽ फूड व ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेटिव (एफडीए) न॑ स्वच्छ प्रसाद अभियान केरऽ शुरूआत करन॑ छै ।


स्वच्छ प्रसाद अभियान केरऽ तहत मंदिर म॑ प्रसाद लेली काम करै वाला लोगऽ क॑ प्रसाद केरऽ स्वच्छता आऱू ठीक स॑ देख-रेख करै लेली ओकरा प्रशिक्षित करलऽ जाय रहलऽ छै । अपनऽ देश म॑ चलैलऽ जाय रहलऽ ई अपनऽ तरह के पहलऽ अभियान छेकै ।

इंटरनेट केरऽ ई जमाना म॑ अब॑ घर बैठले प्रसाद मँगाबै के प्रचलन भी बढ़ी रहलऽ छै । खास करी क॑ कुछ प्रसिद्ध होय चुकलऽ मंदिर - तिरूपति केरऽ बाला जी, शिर्डी केरऽ साईं बाबा, मुंबई केरऽ सिद्धिविनायक आदि केरऽ प्रसाद केरऽ माँग खाली अपनऽ देश तक ही सीमित नै छै । पूरे दुनिया स॑ एकरऽ प्रसाद केरऽ ऑनलाईन माँग बढ़ी रहलऽ छै । ऐसनऽ बदललऽ माहौल म॑ भी जरूरी होय गेलऽ छै कि प्रसाद केरऽ गुणवत्ता क॑ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर केरऽ मानक के हिसाब स॑ बनैलऽ जाय ।

शुरूआत म॑ ई प्रयास सिद्दिविनायक मंदिर , मुंबई से प्रारंभ करलऽ गेलै । जेकरो पीछू एगो दिलचस्प कारण छेलै । कुछ महीना पहिन॑ तलक ई मंदिर के प्रसाद अमेरिका म॑ भेजै म॑ दिक्कत होय छेलै । प्रसाद केरऽ पैकेजिंग ठीक नै रहला स॑ आरू प्रसाद म॑ इस्तेमाल होय वाला समान केरऽ जिक्र पैकेट प॑ नै होला स॑ अमेरिकी एफडीए प्रसाद क॑ देश म॑ वितरण के अनुमति नै दै छेलै । ई प्रश्नचिन्ह क॑ मेटाबै वास्तें ही सुधार वास्तें डेग बढ़ैलऽ गेलै ।
प्रसिद्ध मंदिर केरऽ अलावे भी जहाँ कहीं भी आरू मंदिर म॑ महाप्रसाद केरऽ आयोजन होय छै वू मंदिर आरू संस्थान क॑ भी महाप्रसाद बानाबै घड़ियाँ आरू ओकरऽ पैकेजिंग करै लेली बरतलऽ जाय वाला सावधानी के बारे म॑ जागरूक करना जरूरी छै । पूरे महाराष्ट्र राज्य म॑ अखनी तीन सौ स॑ अधिक मंदिर क॑ प्रसाद क॑ ल॑ प्रशिक्षित करलऽ जाय के लक्ष्य छै । ऐन्हऽ काम के खूब सराहना करना चाहियऽ आरू दोसरो जगह ऐन्हे प्रयास करै के कोशिश करना चाहियऽ ।

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