अंगिका का विरोध करने वाले नेताओं का बहिष्कार
भागलपुर। अंगिका पांच करोड़ लोगों की भाषा है। इसके वाजिब हक की लड़ाई में साथ नहीं देने वाले जनप्रतिनिधियों का अब वोट से बहिष्कार किया जायेगा। ये
बातें अंग उत्थानांदोलन समिति बिहार-झारखंड के केन्द्रीय अध्यक्ष गौतम सुमन ने रविवार को वेरायटी चौक के समीप होटल में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में
कही। उनके साथ समिति के प्रधान संरक्षक दिवाकर चन्द्र दुबे, मुख्य संरक्षक डॉ. शंभु दयाल खेतान, मृत्यंजय प्रसाद सिंह, राहुल जैन आदि मौजूद थे।
अध्यक्ष ने नीतीश कुमार की सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षो से उनकी मांगों को दरकिनार करते रहे हैं।
धरना, प्रदर्शन आदि को सरकार आश्वासनों की घुट्टी पिलाकर बेवकूफ बनाती रही है। नीतीश कुमार जिस प्रकार साढ़े दस करोड़ बिहारियों के लिए विशेष राज्य के
दर्जे की मांग की लड़ाई लड़ रहे हैं। ठीक उसी प्रकार यह पांच करोड़ लोगों की हक-हकूक की लड़ाई है। 15 जिलों में बोली जाने वाली अंगिका भाषा को बिहार में
सरकारी स्तर पर कोई तजब्बों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड में मात्र चार जिलों में अंगिका बोली जाती है। बावजूद वहां की सरकार ने इसे अपने
अनुसूची शामिल कर एक मिशाल पेश किया है।
Source : http://www.jagran.com/bihar/bhagalpur-9784570.html
बातें अंग उत्थानांदोलन समिति बिहार-झारखंड के केन्द्रीय अध्यक्ष गौतम सुमन ने रविवार को वेरायटी चौक के समीप होटल में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में
कही। उनके साथ समिति के प्रधान संरक्षक दिवाकर चन्द्र दुबे, मुख्य संरक्षक डॉ. शंभु दयाल खेतान, मृत्यंजय प्रसाद सिंह, राहुल जैन आदि मौजूद थे।
अध्यक्ष ने नीतीश कुमार की सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षो से उनकी मांगों को दरकिनार करते रहे हैं।
धरना, प्रदर्शन आदि को सरकार आश्वासनों की घुट्टी पिलाकर बेवकूफ बनाती रही है। नीतीश कुमार जिस प्रकार साढ़े दस करोड़ बिहारियों के लिए विशेष राज्य के
दर्जे की मांग की लड़ाई लड़ रहे हैं। ठीक उसी प्रकार यह पांच करोड़ लोगों की हक-हकूक की लड़ाई है। 15 जिलों में बोली जाने वाली अंगिका भाषा को बिहार में
सरकारी स्तर पर कोई तजब्बों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड में मात्र चार जिलों में अंगिका बोली जाती है। बावजूद वहां की सरकार ने इसे अपने
अनुसूची शामिल कर एक मिशाल पेश किया है।
Source : http://www.jagran.com/bihar/bhagalpur-9784570.html
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