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खगड़िया म॑ भ्रष्टाचार-बुहारन अंगिका कवि सम्मेलन सफलता पूर्वक संपन्न | News in Angika

खगड़िया । अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच, खगड़िया केरऽ बैनर तले १२९ वाँ गोपाष्टमी मेला खगड़िया केरऽ समापन प॑ हर वर्ष ऐसनऽ ई वर्ष भी "भ्रष्टाचार बुहारन कविसम्मेलन " केरऽ आयोजन नन्देश निर्मल केरऽ अध्यक्षता में ४ नवंबर-२०१७ क॑ सम्पन्न होलै ।



फीता काटकर अपर समाहर्ता खगड़िया, विजय कुमार सिंह न॑ कवि सम्मेलन केरऽ उद्घाटन करलकै ।  श्री प्रदीप दहलान , मंत्री, श्रीगौशाला, खगड़िया न॑ आगत कवियऽ, पत्रकारऽ आरू श्रोता के भव्य स्वागत करलकै । कवि सम्मेलन केरऽ शुरुआत अंगिका कविता कोश सें जुडलऽ कवि बेगूसराय केरऽ राहुल शिवाय के सरस्वती वन्दना सें होलै  ।










कटिहार सें पधारलऽ लोक कवि भगवान प्रलय केरऽ गीत "पिन्हबै पायल झमकोआ " प॑ श्रोता सब क॑ झूमतें देखलऽ गेलै । मुंगेर सें पधारलऽ हास्य-व्यंग्य केरऽ कवि विजेता मुदगलपुरी केरऽ कविता "छड़पन कक्का " प॑ श्रोता सब न॑ परीक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार केरऽ जीवंत तस्वीर देखलकै ।


भागलपुर सें पधारलऽ हास्य सम्राट रामावतार राही न॑ अपनऽ चुटीलऽ कविता के द्वारा भ्रष्टाचार प॑ तीखा व्यंग्य करलकै । पटना स॑ पधारलऽ चर्चित कवयित्री लता सिन्हा ज्योतिर्मय न॑ अपनऽ ओजपूर्ण कविता सें श्रोता में लाजवाब ताजगी भरी क॑ अमिट छाप छोड़ै में सफल रहलै ।


हिन्दी भाषा साहित्य परिषद् खगड़िया केरऽ सचिव कविता परवाना न॑ "केना के गौशाला मेला देखबै " शीर्षक कविता सें भ्रष्टाचार-जनित ग़रीबी क॑ रेखांकित करलकै ।


समस्तीपुर सें पधारलऽ कवि अवधेश्वर प्रसाद सिंह कुंडलिया, ग़ज़ल आरू दू धूर्त यार शीर्षक कविता सें श्रोता सब के दिल जितलकै । बाँका सें पधारलऽ कवि विकास सिंह गुलटी न॑ भ्रष्टाचार सें उपजलऽ समस्या मजदूरऽ के पलायन केरऽ गीतात्मक प्रस्तुति सें अपनऽ शानदार उपस्थिति दर्ज करैलकै । प्रोफेसर चन्द्रिका प्रसाद सिंह विभाकर न॑ अपनऽ ताजा-तरीन ग़ज़लऽ सें वाहवाही लूटलकै ।


पटना सें पधारलऽ अस्सी वर्षीय प्रसिद्ध गीतकार उमेश्वर प्रसाद सिंह न॑ प्रेम आरू देशप्रेम-परक कविता के सस्वर पाठ करी क॑ श्रोता सब क॑ चमत्कृत करी देलकै । सुल्तानगंज सें पधारलऽ कवि आरू अंगिका/हिन्दी के समर्थ कवि सुधीर कुमार प्रोग्रामर न॑ मंच संचालन करतें हुअ॑ अनेक रचना सें "भ्रष्टाचार बुहारन कविसम्मेलन" क॑ सार्थक करी देलकै ।


चौथम सें ऐलऽ कवि शिवकुमार सुमन न॑ भी मंच संचालक के भूमिका में रही क॑ अपनऽ ग़ज़ल आरू कविता सब सें श्रोता सब क॑ प्रभावित करै में कामयाब रहलै । अशोक कुमार चौधरी न॑ अपनऽ ग़ज़लऽ स॑ भ्रष्टाचार पर कुठाराघात करलकै ।  अध्यक्ष नन्देश निर्मल न॑ गीत-ग़ज़ल के माध्यम सें भ्रष्टाचार बुहारन कवि सम्मेलन क॑ ऊँचाई प्रदान करलकै ।

 महासचिव कैलाश झा किंकर न॑ साहित्य में व्याप्त भ्रष्टाचार क॑ रेखांकित करतें हुअ॑ गैलकै - कोयल को अब मंचों पर क्या जगह मिलेगी, मचल रहे हैं काग करूँ क्या सच्ची बातें


लगभग सात घंटा तलक चललऽ ई कार्यक्रम क॑ अध्यक्षीय घोषणा सें विराम मिललै ।


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